घोर दुराचार में फंसे हुए अजामिलजी को उनके पुत्र
का नाम “नारायण” पुकारने पर प्रभु के पार्षदों ने यमदूतों से बचा लिया । क्योंकि
उन्होंने यह माना कि अजामिलजी ने प्रभु को पुकारा है जबकि श्रीमद् भागवतजी
महापुराण में प्रभु श्री शुकदेवजी कहते हैं कि उन्होंने अपने पुत्र मोह में पुत्र
को पुकारा था ।
GOD Chanting Personified: Dive into Divine Harmony