ऋषि श्री वाल्मीकिजी नाम प्रताप से इतने बड़े
त्रिकालदर्शी ऋषि बने । पहले वे जंगल में लूट-पाट करते थे । देवर्षि प्रभु श्री
नारदजी ने उन्हें “राम” कहने को कहा तो प्रभु का पवित्र नाम उनके मुँह से निकला ही
नहीं । तब देवर्षि प्रभु श्री नारदजी ने युक्ति करके उन्हें मरा-मरा कहने को कहा ।
प्रभु का नाम उल्टा जपने पर भी नाम ने उनका परम मंगल कर दिया ।
GOD Chanting Personified: Dive into Divine Harmony