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15. उल्टा नाम जप भी कैसे मंगल करता है ?

ऋषि श्री वाल्मीकिजी नाम प्रताप से इतने बड़े त्रिकालदर्शी ऋषि बने । पहले वे जंगल में लूट-पाट करते थे । देवर्षि प्रभु श्री नारदजी ने उन्हें “राम” कहने को कहा तो प्रभु का पवित्र नाम उनके मुँह से निकला ही नहीं । तब देवर्षि प्रभु श्री नारदजी ने युक्ति करके उन्हें मरा-मरा कहने को कहा । प्रभु का नाम उल्टा जपने पर भी नाम ने उनका परम मंगल कर दिया ।

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