अभ्यास से और प्रभु प्रेम के कारण प्रभु का नाम
अपनी जुबां पर सदैव चलते रहना चाहिए । दो ही शर्त है पहला, अभ्यास से और दूसरा,
प्रभु के लिए प्रेम के कारण निरंतर प्रभु का नाम हमारी जुबां पर चलते रहना चाहिए ।
अगर अभ्यास का दृढ़ निश्चय है और प्रभु के लिए पूर्ण प्रेम है तो ऐसा होना संभव है
।
GOD Chanting Personified: Dive into Divine Harmony