नाम स्मरण में नाम के आधार से नामी (प्रभु) का
स्मरण होता है । प्रभु का स्मरण होते ही हमारे संचित पाप कटते हैं और हमें परमानंद
की अनुभूति होती है । प्रभु का स्मरण होने पर हमारे इहलोक
और परलोक दोनों सुधर जाता है । प्रभु का नाम जगत में भी हमारा मंगल करता है और जगत
के बाद भी हमारा मंगल करता है ।
GOD Chanting Personified: Dive into Divine Harmony