जैसे एक माँ को विदेश पढ़ने गए हुए उसके बेटे का
नाम लिए बिना उसकी याद आती है ऐसे ही लगातार प्रभु का स्मरण नाम से होता जाएगा तो
एक अवस्था ऐसी आएगी कि प्रभु का नाम लिए बिना भी प्रभु की याद हमें जीवन में आती
रहेगी और प्रभु का स्मरण जीवन में निरंतर होता रहेगा । ये नाम जप की सच्ची उपलब्धि
होती है ।
GOD Chanting Personified: Dive into Divine Harmony