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33. नाम जापक की सबसे ऊँची अवस्था क्या है ?

प्रभु स्मरण के लिए नाम है पर एक अवस्था ऐसी आनी चाहिए जब स्मरण को नाम की आवश्यकता ही नहीं रहे और प्रभु का स्मरण जीवन में निरंतर चलता रहे । यह नाम जापक की सबसे ऊँची अवस्था है क्योंकि नाम ने वह कर दिया जो उसे करना था ।

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