भक्ति का इतना सामर्थ्य है कि प्रभु भी भक्त का
नाम जपते हैं । जैसे भक्त को प्रभु का नाम जपने में परमानंद आता है वैसे ही प्रभु
भी अपने प्राण प्रिय भक्तों का नाम जपते हैं और परम आनंद मानते हैं । नाम जप अंश
(जीव) और अंशी (प्रभु) दोनों को आनंद प्रदान करता है ।
GOD Chanting Personified: Dive into Divine Harmony