मंत्रजप, कर्मकांड में शास्त्रों द्वारा बताए
नियम लागू होते हैं पर प्रभु के नाम जप में प्रभु ने कोई नियम नहीं लागू किया है ।
कोई भी, कभी भी, किसी भी अवस्था में, कैसे भी प्रभु का नाम लेने के लिए स्वतंत्र है और उसका मंगल-ही-मंगल होना तय है ।
GOD Chanting Personified: Dive into Divine Harmony