पूजा करना और नाम जप दोनों भक्ति के अंतर्गत आते
हैं पर दोनों अलग-अलग हैं । प्रभु की पूजा प्रभु के लिए दिन-रात की परिचर्या है
जबकि नाम जप प्रभु को पुकारना, प्रभु को याद करना है । पूजा का एक निश्चित समय
होता है पर प्रभु नाम जप करके प्रभु को याद कभी भी किया जा सकता है ।
GOD Chanting Personified: Dive into Divine Harmony