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38. प्रभु के नाम का आग्रह शास्त्रों और संतों ने क्यों किया है ?

एक चाण्‍डाल जो जाति में सबसे नीचा माना गया है, अगर उसके मुँह से भी प्रभु का नाम निकलता है तो वह भी सर्वश्रेष्‍ठ बन जाता है । फिर जो श्रेष्‍ठ जाति में जन्मे हैं, ऐसे लोग जब प्रभु के नाम का उच्‍चारण करते हैं तब मानो उन्‍होंने तप, हवन, तीर्थस्‍नान, सदाचार पालन और वेदाध्‍ययन सब कुछ कर लिया । सबका फल उन्‍हें प्रभु के नाम को जपने से ही मिल जाता है ।

प्रभु नाम का उच्‍चारण हमारे मुँह से निरंतर होता रहे, ऐसा आग्रह शास्त्रों और संतों ने किया है ।

जीवन में प्रभु के नाम को जपने की आदत हमें बनानी चाहिए ।

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