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43. प्रभु नाम जप से देवता कैसे प्रसन्न होते हैं ?

सभी देवताओं का एक स्थान हमारे शरीर के हरेक अंग में होता है इसलिए जैसे ही हमारे शरीर का प्रत्येक अंग प्रभु की सेवा में लगता है तो वहाँ विराजे देवता आनंदित होते हैं, तृप्त होते हैं और संतुष्ट होते हैं । जब कोई भक्त जिह्वा से प्रभु नाम का उच्चारण करता है तो प्रभु श्री अग्निदेवजी संतुष्ट हो जाते हैं क्योंकि वे जिह्वा पर विराजते हैं । 

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