संतों को प्रभु का नाम जप अति प्रिय
होता है और दैनिक कार्य में भी प्रभु का नाम कैसे लिया जाए इसकी युक्ति वे निकाल लेते थे । भगवत् चिंतन करते
हुए एक संत जो सब्जी बेचने का ठेला लगाते थे, वे सभी
सब्जियों का नाम प्रभु के नाम पर रखकर सब्जी बेचा करते थे क्योंकि इससे उनका नाम
जप निरंतर प्रभु का होता रहता था ।
GOD Chanting Personified: Dive into Divine Harmony