श्री कृष्णावतार में जब बाल रूप में
प्रभु असुरों को मारते थे तो अमंगल आया ऐसा जानकर श्रीगोपीजन चिंतित हो जाती । फिर
उन्हें प्रभु नाम की महिमा याद आती और प्रभु के लिए भी प्रभु के नाम का ही प्रयोग
वे करती । प्रभु नाम की इतनी महिमा है कि श्रीगोपीजन बाल प्रभु की नजर उतारने के
लिए भी प्रभु का नाम लेकर ही उसे मंत्र के रूप में पढ़ती थीं ।
GOD Chanting Personified: Dive into Divine Harmony