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51. नाम उच्चारण से कितना परमानंद मिलता है ?

अपनी जिह्वा से हमें पूछना चाहिए कि प्रभु नाम के उच्चारण में जो परमानंद मिलता है वह क्या त्रिलोकी में किसी अन्य पदार्थ में मिलता है । नाम जप करने वाले साधक को परम आनंद यानी परमानंद की अनुभूति होती है । सभी संत और भक्त एकमत हैं कि नाम जप में मिले परमानंद का बखान वे कर ही नहीं सकते ।

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