एक प्रभु प्रतिमा और एक प्रभु नाम से
भगवती मीराबाई ने भक्ति की वह ऊँचाई प्राप्त कर ली जिसके लिए सब तरसते हैं । भगवती
मीरा बाई प्रभु के नाम और प्रभु के पदों का जप और गान निरंतर जीवन में करती रहती
थी । यही कारण था कि बड़ी-से-बड़ी विपत्ति में उनकी रक्षा हुई और अंत में उन्होंने
प्रभु को प्राप्त कर लिया और उनकी भक्ति अमर हो गई ।
GOD Chanting Personified: Dive into Divine Harmony