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64. संत नाम जप के बारे में क्या कहते हैं ?

संत कहते हैं कि नेत्रों के प्याले बनाकर प्रभु के रूप को देखना चाहिए, कानों के प्याले बनाकर प्रभु की कथा का श्रवण करना चाहिए, जिह्वा के प्याले बनाकर प्रभु का अमृततुल्य नाम लेना चाहिए । संत प्रभु के नाम को अमृततुल्य मानते हैं और जिह्वा का धर्म बताते हैं कि उससे प्रभु के मंगलमय नाम का सदैव जप हो ।