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100. नाम जप में पाप नाश का कितना सामर्थ्य है ?

तीनों लोकों के सभी जीवों में इतना सामर्थ्‍य नहीं कि वे सब मिलकर भी इतना पाप कर सकें जो प्रभु के एक नाम से नष्ट नहीं हो सके । प्रभु के श्रीनाम में इतना बड़ा सामर्थ्‍य है । संतों ने नाम जप के सामर्थ्‍य को केवल अदभुत, अदभुत और अदभुत बताया है ।

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