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67. नाम हमें कलियुग में कहाँ तक पहुँचा सकता है ?

नाम जप हमें कलियुग में भाव समाधि तक पहुँचा सकता है । परमात्मा रूपी सागर में लीन होने का नाम ही भाव समाधि है । नाम हमें परमात्मा रूपी सागर में लीन कर देता है । यह सामर्थ्‍य कलियुग में केवल नाम रूपी साधन में ही है ।

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