भक्तों के लिए प्रभु का नाम और प्रभु
की श्रीलीला ही जीवन धारण करने के दो मुख्य आधार बन जाते हैं । सारे बृजवासियों ने
प्रभु के जाने के बाद यही किया । वे प्रभु का नाम लेते रहे और प्रभु की श्रीलीलाओं
का गान करते रहे । इसी से उनका प्रेम प्रभु में दिन-पर-दिन बढ़ता ही चला गया और
उनका प्रभु प्रेम पराकाष्ठा तक पहुँच गया ।
GOD Chanting Personified: Dive into Divine Harmony