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74. कलियुग की भक्ति क्या है ?

प्रभु के लिए अत्यंत बढ़ती हुई नाम जप की प्यास का नाम ही कलियुग में भक्ति है । कलियुग में नाम जप भक्ति का मुख्य आधार है । अन्य युगों में जो कठिन-कठिन  साधनों से संभव होता था वह कलियुग में केवल और केवल नाम जप से संभव हो जाता है ।

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