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75. नाम जप से क्या होता है ?

अपने मन को पूर्ण पवित्र करके मनरूपी श्रीगंगाजी को प्रभुरूपी महासागर में मिलाने के साधन का नाम “नाम जप” ही है । नाम जप से मन के मैल धुलते हैं और मन पवित्र होता है, विकार मन से निकलकर भागते हैं । निर्मल मन से ही प्रभु मिलन संभव होता है जिसको करने में नाम जप के अलावा अन्य कोई भी साधन कलियुग में काम नहीं आता है ।

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