हमारी समस्त इच्छाएं पूरी हो जाएं और
हमें कोई दुःख जीवन में नहीं देखना पड़े, यह दोनों बातें किसी के भी जीवन में कभी नहीं होती
क्योंकि संसार में सदैव अतृप्ति है और संसार का दूसरा नाम ही दुःखालय है । कलियुग
में केवल नाम जप में सामर्थ्य है कि वह हमारी सात्विक इच्छाओं को पूरी करता है, दुःख से हमारी रक्षा करता है और हमें तृप्ति प्रदान
करता है ।
GOD Chanting Personified: Dive into Divine Harmony