श्रीगोपीजन के मुँह से अपना नाम
सुनकर प्रभु को जो आनंद आता था वह श्रीवेद मंत्र में अपनी स्तुति सुनकर भी प्रभु
को नहीं आता था । यह बात प्रभु ने स्वयं श्रीगोपीजन को कही । इससे सूत्र निकलता है
कि भक्तों के मुँह से प्रभु को अपना नाम उच्चारण सबसे प्यारा लगता है ।
GOD Chanting Personified: Dive into Divine Harmony