भगवती यशोदा माता ने प्रभु से कहा कि
प्रभु उन्हें अंतर्मन में दर्शन देते रहें और प्रभु का नाम लेने की शक्ति उनमें
बनी रहें और वे अंतर्मन में प्रभु के रूप को निहारती रहें और इसी तरह एक दिन वे
प्रभु में लीन हो जाएं । यही भगवती यशोदा माता की प्रभु से पहली और अंतिम
प्रार्थना थी कि अंतिम समय प्रभु का नाम लेने की शक्ति उनमें बनी रहें ।
GOD Chanting Personified: Dive into Divine Harmony