जीव को मन में, वाणी से और कर्म करते हुए प्रभु
का नाम लेना चाहिए । कोई भी समय नाम जप के बिना नहीं जाने देना चाहिए । संतों और
भक्तों ने श्वास-श्वास में नाम जप किया
है, कर्म करते वक्त नाम जप किया है और मन में निरंतर नाम जप उनका चलता ही रहता है ।
GOD Chanting Personified: Dive into Divine Harmony