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95. संतों ने नाम जप के लिए क्या कहा ?

संतों ने कहा कि जिस जीव ने प्रभु का नाम नहीं लिया तो फिर जीवन धारण करके भी उसने क्या किया । उसका जीवन धारण करना व्यर्थ का श्रम है । मानव जीवन का सही उपयोग करना है तो प्रभु नाम जप को जीवन में प्रथम स्थान देना ही पड़ेगा । कलियुग में तो प्रभु नाम जप को प्रथम पायदान पर रखा गया है । संतों ने कलियुग में भक्ति की शुरुआत ही प्रभु नाम जप से मानी है ।  

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