नवधा भक्ति के उपदेश में प्रभु ने
पांचवी भक्ति प्रभु के मंत्ररूपी नाम पर विश्वास रखकर उसका जप करना बताया है । नाम
जप को नवधा भक्ति में भी स्थान दिया गया है । संत विनोद में कहते हैं कि अगर प्रभु
नवधा भक्ति का उपदेश कलियुग में देते तो नाम जप को प्रथम स्थान पर रखते ।
GOD Chanting Personified: Dive into Divine Harmony