मन में प्रभु नाम का ही दीपक जलाएं ।
चाहे राजा हो या साधारण जीव प्रभु नाम का दीप सबके लिए अत्यंत जरूरी है । राजा
श्री परीक्षितजी आध्यात्मिक दृष्टि से सोए हुए थे और राज-पाट में खोए हुए थे । ऋषि
के श्राप ने उन्हें जगा दिया और उनके जीवन में प्रभु नाम के दीप को जलने की इस प्रकार
प्रेरणा हो गई ।
GOD Chanting Personified: Dive into Divine Harmony