प्रभु नाम का निरंतर सुमिरन करते
रहेंगे तो अंतःकरण में प्रभु प्रेम एक-न-एक दिन जरूर जगेगा । कलियुग में इसके लिए नाम
जप प्रधान साधन माना गया है । नाम जप से नामी प्रभु की झांकी हृदय में होने लगती
है और हृदय प्रभु प्रेम से लबालब भर जाता है । नाम जप की महिमा है कि वह प्रभु
प्रेम की जागृति हमारे हृदय-कमल पर कर देती है ।
GOD Chanting Personified: Dive into Divine Harmony