प्रभु का नाम किसी भी भाव से लें और
कैसे भी लें वह हमारा कल्याण-ही-कल्याण करेगा । जैसे जमीन में बीज उलटा सीधा कैसे
भी डाले वह फलीभूत होगा वैसे ही नाम भाव, कुभाव, आलस्य, मजाक कैसे भी लिया जाए वह
फलीभूत होगा और हमारा परम हित ही करेगा । फिर प्रेम और भाव से एवं नियम से जो
प्रभु का नाम जपता है उसके तो क्या कहने ।
GOD Chanting Personified: Dive into Divine Harmony