प्रभु नाम का चिंतन और प्रभु नाम का जप करते हुए हमें अपने जीवन के कार्यों को
करते रहना चाहिए । कलियुग में इतना करने मात्र से प्रभु प्राप्ति संभव है । हम
अपना कार्य करते हुए प्रभु नाम का चिंतन और प्रभु नाम का जप करते है तो वह कार्य
भी पूजन हो जाता है और प्रभु प्राप्ति करवा देता है । श्रीगोपीजन ने संसार का सारा
काम किया पर प्रभु नाम का चिंतन और प्रभु नाम का जप भी साथ में किया और इस कारण
प्रभु की अत्यंत प्रिय हो गई । उन्हें प्रेमाभक्ति की ध्वजा कहा गया है ।
GOD Chanting Personified: Dive into Divine Harmony