प्रभु अपने भक्तों के लिए यहाँ तक
कहते हैं कि भगवती शबरीजी और श्री सुदामाजी का नाम लेकर भी मुझे जो भोग लगाएगा तो
भाव नहीं होने पर भी सिर्फ भगवती शबरीजी और श्री सुदामाजी का नाम लेने के कारण मैं
उसे स्वीकार करूंगा । भक्तों को इतना मान प्रभु देते हैं । जैसे भक्त प्रभु का नाम
लेने में आनंद मानते हैं वैसे ही प्रभु भी अपने प्रिय भक्तों का नाम सुनने में परम
आनंद मानते हैं ।
GOD Chanting Personified: Dive into Divine Harmony