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128. संतों और भक्तों की दिनचर्या क्या होती है ?

संतों और भक्तों का एक-एक क्षण प्रभु चिंतन और प्रभु नाम लेने में जाता है । यही उनकी प्रधान दिनचर्या होती है । वे एक भी क्षण प्रभु चिंतन और प्रभु नाम जप बिना नहीं जाने देते । उनकी श्‍वास-श्‍वास पर प्रभु का नाम चलता है । पूरा जीवन वे प्रभु नाम धन कमाने में बिता देते हैं और संसार से मालामाल होकर प्रभु के धाम जाते हैं ।

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