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129. कलियुग में सबसे ऊँ‍चा क्या साधन है ?

प्रभु के नाम जप और सत्संग रूपी भगवत् चर्चा से ऊँ‍चा कलियुग में कुछ भी नहीं है । इसमें भी नाम जप की प्रधानता कलियुग में है । सत्संग भी हमें नाम जप की ही प्रेरणा देता है और नाम जप से भक्तों ने क्या पाया है वह बताता है । नाम जप से कलियुग में सब कुछ सुलभ है इसलिए ही सत्संग में भी नाम जप की ही महिमा गाई गई है ।

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