प्रभु का नाम लेते-लेते मृत्यु हुई
तो उद्धार निश्चित है । सभी श्रीग्रंथ और शास्त्र एकमत हैं और सभी संतों और भक्तों
ने एकमत होकर कहा है कि अंतिम बेला पर प्रभु का नाम स्मरण हो गया तो फिर दोबारा
किसी भी माता के गर्भ में कभी भी नहीं जाना पड़ेगा । पर ऐसा तभी संभव है जब प्रभु
नाम जप का जीवन भर अभ्यास किया जाए तभी अंतिम अवस्था में ऐसा संभव होगा ।
GOD Chanting Personified: Dive into Divine Harmony