जगत में प्रभु का नाम ही एकमात्र
अमृत है । इसे छोड़कर संसार के विषयों के विष को क्यों पिया जाए ? जीवन में प्रभु का नाम नहीं लिया तो
जीवन जीने का कोई अर्थ नहीं है । इसलिए अपने मंगल के लिए प्रभु के नाम जप को करते
हुए अपने जीवन को काटना चाहिए ।
GOD Chanting Personified: Dive into Divine Harmony