प्रभु का नाम जुबान से उच्चारण होने
पर उस समय हृदय में बसे पाप निकल भागते हैं । पाप की क्षमता नहीं की प्रभु नाम जप
के आगे टिक सके इसलिए जैसे ही नाम जप जीवन में प्रारंभ होता है और लगातार होता
रहता है पाप हमारे भीतर से निकल जाते हैं । पाप निकलने से पाप के लिए दंड का
प्रावधान भी खत्म हो जाता है ।
GOD Chanting Personified: Dive into Divine Harmony