कैसे भी भगवत् नाम का उच्चारण हो जाए, चाहे गलती से, चाहे आलस्य से, चाहे भाव से, चाहे
अभाव से, कैसे भी हो जाए वह हमारा उद्धार-ही-उद्धार करेगा ।
जैसे बीज को हम धरती में उलटा डाले या सुलटा डाले वह अंकुरित होगा वैसे ही शास्त्र
और संत कहते हैं कि नाम जप कैसे भी किया गया हो वह हमारा उद्धार करके ही रहेगा ।
GOD Chanting Personified: Dive into Divine Harmony