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148. अपनी जिह्वा का सही उपयोग क्या है ?

अपनी जिह्वा का उपयोग केवल प्रभु कीर्तन, प्रभु नाम जप और प्रभु का यशगान गाने के लिए करना चाहिए । पर हम ठीक इसके विपरीत उपयोग करते हैं और उसे संसार की व्यर्थ बातों में लगा देते हैं । शास्त्रों ने संसार की व्यर्थ बातें करने वाली जिह्वा को मेंढक की टर्र-टर्र करने वाली जिह्वा की उपमा दी है ।

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