अपनी जिह्वा का उपयोग केवल प्रभु
कीर्तन, प्रभु नाम जप और प्रभु का यशगान गाने के लिए करना चाहिए । पर हम ठीक इसके
विपरीत उपयोग करते हैं और उसे संसार की व्यर्थ बातों में लगा देते हैं । शास्त्रों
ने संसार की व्यर्थ बातें करने वाली जिह्वा को मेंढक की टर्र-टर्र करने वाली जिह्वा की उपमा दी है ।
GOD Chanting Personified: Dive into Divine Harmony