जब भक्त श्री प्रह्लादजी के बालक
मित्र खेलते थे तो उस समय भी वे प्रभु कीर्तन और प्रभु नाम जप करते थे । इतनी
भक्ति भक्त श्री प्रह्लादजी में थी । नाम जप के कारण असुर कूल में उत्पन्न होने पर
भी वे प्रभु के लाड़ले बने और प्रभु ने उनकी रक्षा के लिए अवतार लिया । भक्त श्री
प्रह्लादजी का नाम महाभागवत में आता है ।
GOD Chanting Personified: Dive into Divine Harmony