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164. कलियुग में नाम का क्या महत्व है ?

कलियुग में प्रभु का नाम ही शब्द ब्रह्म है । प्रभु के नाम को नाम भगवान कहा गया है और नाम को ब्रह्म स्वरूप माना गया है । इसलिए कलियुग में केवल प्रभु नाम ही एकमात्र आधार है । इसलिए कलियुग में प्रभु नाम की महिमा हर श्रीग्रंथ में, शास्त्रों में, संतवाणी में मिलेगी क्योंकि कलियुग में प्रभु प्राप्ति का साधन ही नाम जप है । इसलिए कलियुग के जीव को प्रभु नाम जप के महत्व को समझना चाहिए और मन लगाकर नाम जप करना चाहिए ।

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