कलियुग में प्रभु का नाम ही शब्द
ब्रह्म है । प्रभु के नाम को नाम भगवान कहा गया है और नाम को ब्रह्म स्वरूप माना गया है । इसलिए कलियुग में केवल प्रभु नाम ही एकमात्र आधार है ।
इसलिए कलियुग में प्रभु नाम की महिमा हर श्रीग्रंथ में, शास्त्रों में, संतवाणी
में मिलेगी क्योंकि कलियुग में प्रभु प्राप्ति का साधन ही नाम जप है । इसलिए
कलियुग के जीव को प्रभु नाम जप के महत्व को समझना चाहिए और मन लगाकर नाम जप करना
चाहिए ।
GOD Chanting Personified: Dive into Divine Harmony