जब आचार्य श्री गर्गाचार्यजी प्रभु
श्री कृष्णजी का नामकरण करने लगे तो वर्णमाला के शब्द आपस में लड़ने लगे कि हमारे
अक्षर से प्रभु के नाम की शुरुआत होनी चाहिए । इसलिए प्रभु के अनेक नाम पड़े और
सभी अक्षरों को सम्मान मिला । प्रभु इतने दयालु और कृपालु हैं कि वर्णमाला के प्रायः
सभी शब्दों को अपने नाम के उच्चारण का सम्मान दिया ।
GOD Chanting Personified: Dive into Divine Harmony