Skip to main content

185. सुख क्या करने में है ?

सुख सिर्फ प्रभु नाम जपने में ही है । कलियुग में जो सुख प्रभु नाम जप में है वह अन्य किसी भी साधन जैसे तप, यज्ञ, कर्मकांड, दान, पुण्य आदि में नहीं है । कलियुग में नाम की ही महिमा है और नाम में ही सामर्थ्‍य है कि वह नाम अपने नामी प्रभु से हमें मिला देता है ।

Popular Posts