प्रभु के नाम, गुण और श्रीलीला का गान करना ही
कीर्तन है । प्रभु के नाम जप को भी कलियुग में नाम कीर्तन माना गया है । प्रभु के नाम का हम जप भी कर सकते है और साथ
ही नाम का कीर्तन भी कर सकते हैं । संत एकांत में नाम जप करते हैं और जब समाज साथ
होता है तो नाम कीर्तन करते हैं ।
GOD Chanting Personified: Dive into Divine Harmony