बिना जाने आग का स्पर्श करने पर भी
हम जलेंगे । इसी प्रकार बिना प्रभु के नाम की महिमा जाने भी प्रभु का नाम लेंगे तो
भी हमारा कल्याण निश्चित होगा । श्री अजामिलजी ने अपने पुत्र के बहाने प्रभु का
नाम “नारायण” लिया था और प्रभु के पार्षद उसे यमपाश से बचाने तत्काल आ गए । जरा
कल्पना करें कि अगर हम सच में प्रभु का नाम जप करेंगे तो क्या प्रभु हमारा मंगल और
कल्याण करने नहीं आएंगे ।
GOD Chanting Personified: Dive into Divine Harmony