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215. कलियुग में कौन तरता है ?

सभी जीवों का कल्याण प्रभु का नाम लेने से ही होगा । यह एक शाश्वत सत्य है जिसका प्रतिपादन हर शास्त्र में, हर संत और भक्त के द्वारा कलियुग में हुआ है । फिर भी हम इस सत्य को नहीं मानते और नाम जप को कलियुग का प्रधान और परम साधन नहीं मानते । हम सोचते हैं कि नाम जप तो भोले भाले लोगों के लिए है और हमारा साधन तो बड़ा होना चाहिए । पर सत्य यह है कि कलियुग में जो नाम जप और नाम कीर्तन का साधन करता है वही तरता है ।   

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