रावण की नाभि में बाण लगते ही उसने
श्रीराम नाम पुकारा और प्रभु ने उसे उसी समय परम गति प्रदान कर दी । प्रभु इतने
करुणामय हैं और प्रभु के नाम का इतना प्रबल सामर्थ्य है । यह उदाहरण है कि कोई कितना
भी पापी क्यों न हो अगर अंतिम अवस्था में प्रभु के नाम का उच्चारण हो जाता है तो
प्रभु का नाम उसे परम गति प्रदान करने का सामर्थ्य रखता है । पर अंतिम अवस्था में
नाम का स्मरण तभी संभव है जब इसका अभ्यास जीवन भर किया जाए ।
GOD Chanting Personified: Dive into Divine Harmony