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228. प्रभु के नामकरण के समय क्या हुआ ?

प्रभु के नामकरण के बाद श्री गर्गाचार्यजी ने कहा कि युगों-युगों तक जो “श्रीकृष्ण” नाम सबका कल्याण करेगा वह सबसे पहले मेरे मुँह से निकला । इसी को उन्होंने अपना अहोभाग्य माना और प्रभु के नामकरण की दक्षिणा मान ली । यही बात ऋषि श्री वशिष्ठजी ने प्रभु श्री रामजी के नामकरण के समय कही कि युगों-युगों तक संसार को विश्राम देने वाले परम पुनीत “श्रीराम” नाम का सबसे पहले उच्चारण उनके मुँह से हुआ ।  

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