प्रभु के नामकरण के बाद श्री
गर्गाचार्यजी ने कहा कि युगों-युगों तक जो “श्रीकृष्ण” नाम सबका कल्याण करेगा वह
सबसे पहले मेरे मुँह से निकला । इसी को उन्होंने अपना अहोभाग्य माना और प्रभु के
नामकरण की दक्षिणा मान ली । यही बात ऋषि श्री वशिष्ठजी ने प्रभु श्री रामजी के
नामकरण के समय कही कि युगों-युगों तक संसार को विश्राम देने वाले परम पुनीत “श्रीराम”
नाम का सबसे पहले उच्चारण उनके मुँह से हुआ ।
GOD Chanting Personified: Dive into Divine Harmony