प्रभु नाम का आश्रय लेने वाला स्वतः
ही मुक्ति पा जाता है । जो प्रभु का नाम लेता है उसे मुक्ति के लिए अलग से कोई भी
प्रयास नहीं करना पड़ता । नाम जप के कारण मुक्ति उसे सुलभता से स्वतः ही मिल जाती
है । शास्त्र और संत कहते हैं कि प्रभु नाम जापक का मुक्ति पर स्वाभाविक अधिकार
होता है । संत विनोद में यहाँ तक कहते हैं कि मुक्ति तो नाम जापक की जेब में ही
होती है, उसे मांगने की आवश्यकता ही नहीं होती ।
GOD Chanting Personified: Dive into Divine Harmony