प्रभु का नाम ही नाम ब्रह्म है ।
प्रभु के नाम को नाम ब्रह्म और नाम भगवान कहते हैं । संत केवल नाम नहीं कहते बल्कि
नाम को प्रभु की तरह सम्मान देने के लिए उसे “नाम ब्रह्म” या “नाम भगवान” कहते हैं
। इससे संतों के मन में प्रभु नाम के प्रति कितना सम्मान है इस तथ्य का पता चलता
है क्योंकि उन्होंने नाम के बल पर जीवन में बहुत कुछ अर्जित किया है ।
GOD Chanting Personified: Dive into Divine Harmony